आई.यू.आई प्रक्रिया क्या है और यह इलाज किसे करवाना चाहिए?

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जिन दंपत्तियों को संतान सुख की प्राप्ति नहीं हो पाती उनके लिए कई प्रकार के इलाज संभव है इनमें से एक है आई.यू.आई. (IUI)।

इस इलाज की प्रमुख खूबी यह है कि बहुत ही सरल और सस्ता इलाज है। परंतु हर चीज के दो पहलू होते हैं ऐसे ही आई.यू.आई प्रक्रिया है। जहां यह सरल और सस्ता इलाज है वहीं इसका दूसरा पहलू है कि यह हर तरह के निसंतान दंपतियों के लिए उचित नहीं है।

केवल चुनींदा दंपति ही इसका उपयोग करें तो लाभान्वित हो सकते हैं। अच्छी तरह मरीज़ का चयन करने के बाद पूरी प्रक्रिया को साइंटिफिक तरीके से करने के बाद भी सफलता दर केवल 10-18% ही है।

आई.यू.आई. (IUI)प्रक्रिया क्या है?

इस प्रक्रिया में पुरुष के वीर्य को लेबोरेटरी में इस तरीके से तैयार किया जाता है कि सारे स्वस्थ और गतिशील शुक्राणु अलग हो जाते हैं और बाकी की अशुद्धियां अलग हो जाती हैं। यह लेबोरेटरी में तैयार किया हुआ वीर्य आई.यू.आई केथीटर के द्वारा जब महिला का अंडा फूटने वाला होता है तब बच्चेदानी में छोड़ दिया जाता है। शुक्राणुओं को सीधा गर्भ में छोड़ने की प्रक्रिया को ही आई. यू. आई. कहा जाता है।

आई. यू. आई. किस समय करना चाहिए?

महिला के अंडे बनने का या तो कुदरती रूप से तैयार होने का इंतजार करते हैं या जिन महिलाओं में अंडे स्वतः तैयार नहीं होते हैं उन महिलाओं को दवाइयां या इंजेक्शन लगाकर अंडे तैयार किए जाते हैं। उसके बाद सोनोग्राफी की जाती है और अगर उसमें पाया जाता है कि अंडा पक चुका है तो अंडा बाहर निकलने का इंजेक्शन लगाया जाता है। आई.यू.आई. का समय इस पर निर्भर करता है कि अंडा कब तैयार हो रहा है।

आई.यू.आई. प्रक्रिया किस किस पेशंट को लाभ दे सकती है?

  1. अकारण निसंतानता यानी जांचों में कोई कमी नहीं पकड़ मैं आ रही है।
  2. पुरुष के वीर्य मैं कमी। कम से कम कितने शुक्राणु होने चाहिए इसका सटीक उत्तर किसी के पास नही है परंतु यह माना गया है कि अगर शुक्राणु की मात्रा 10 मिलियन/ मिली लीटर से कम है तो इस प्रक्रिया के सफल होने की संभावना बहुत कम रहती है।
  3. पुरुष मैं शुक्राणुओं का नहीं बनना ऐसे में डोनर शुक्राणु बैंक से लेकर गर्भ धारण किया जा सकता है।

4.जिन महिलाओं में अंडे बनने मैं परेशानी पाई जाती है जैसे कि पी.सी.ओ.डी. बीमारी या महिला को हार्मोन की दिक्कत है।

  1. संभोग करने में परेशानी। कारण महिला या पुरुष दोनों में से किसी में भी हो सकता है।
  2. समलैंगिक दंपतियों को ।

आई.यू.आई. से पहले क्या-क्या जांचें करवाई जानी चाहिए?

  1. पुरुषों के शुक्राणुओं की जांच प्रमुख है।
  2. महिला के नलों की जांच (फैलोपियन ट्यूब) करवाना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि जिन महिलाओं की नलियों में खराबी होती है उनके लिए यह इलाज उचित नहीं है।
  3. साधारण खून की जांचे

आई.यू.आई. प्रक्रिया के बाद महिलाओं को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए?

यह एक बहुत ही सरल और साधारण सी प्रक्रिया है जिसे कराने के बाद आप तुरंत ही अपनी दिनचर्या पर लौट सकते हैं। इस प्रक्रिया के बाद किसी भी तरह का कार्य करने में या खाने पीने में कोई परहेज नहीं होता है।

आई.यू.आई. के बाद कब और कैसे जांचे की गर्भ ठहरा है कि नहीं?

आई.यू.आई. प्रक्रिया के 15 दिन बाद आप स्वयं पेशाब से जांच सकते हैं कि गर्भ ठहरा है कि नहीं। और बाकी आपका चिकित्सक आपको इस बारे में सही सलाह दे सकता है कि कौन सी जांच करवानी चाहिए।

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Alka IVF Staff

This article is written and reviewed by the medical team at Alka IVF, comprising experienced fertility specialists, embryologists, and counsellors with over 15 years of collective expertise in reproductive health. With a proven record of helping thousands of families achieve parenthood, the team ensures every piece of content reflects clinical accuracy, compassion, and patient trust — in line with Alka IVF’s commitment to transparent, ethical, and evidence-based fertility care.